ईवीएस की अवधारणा और व्याप्ति
पर्यावरण-अध्ययन का अर्थ क्या है?
पर्यावरण-अध्ययन परिवेश के सामाजिक और भौतिक घटकों की अन्तःक्रियाओं का अध्ययन है। वास्तव में ये घटक मिलकर ही हमारे सम्पूर्ण परिवेश का निर्माण करते हैं। अतः जब हम अपने परिवेश, अर्थात् इर्द-गिर्द उपस्थित उपरोक्त सामाजिक और भौतिक घटकों को समझने का प्रयास करते हैं तो वही पर्यावरण-अध्ययन कहलाता है।
सामाजिक घटकों में संस्कृति (भाषा, मूल्य, दर्शन) तथा भौतिक/प्राकृतिक घटकों में हवा, पानी, मिट्टी, धूप, पशु-पक्षी, खनिज, जंगल/वनस्पति आदि शामिल हैं। इस दृष्टि से पर्यावरण-अध्ययन में हम एक ओर तो मानव और इसके द्वारा निर्मित समाज एवं सामाजिक क्रियाकलापों का अध्ययन करते हैं, और दूसरी ओर प्रकृति एवं उसकी कार्य-प्रणाली के पीछे के नियमों का अध्ययन किया जाता है।
पर्यारण शिक्षा
पर्यारण शिक्षा (EE), यह सिखाने के सुनियोजित प्रयास की ओर संकेत करती है कि किस प्रकार मनुष्य चिरस्थायी अस्तित्व के लिए स्वाभाविक वातावरण की क्रियाओं और, विशेषतः अपने व्यवहार और पारिस्थितिक तंत्र में सामंजस्य स्थापित कर सकता है। इस शब्द का प्रयोग प्रायः विद्यालय प्रणाली के अंतर्गत, प्राथमिक से लेकर माध्यमिक शिक्षा के बाद तक दी जाने वाली शिक्षा की ओर संकेत करने के लिए किया जाता है। हालांकि, कभी कभी अधिक व्यापक रूप में इसका प्रयोग आम जनता और अन्य दर्शकों को शिक्षित करने के समस्त प्रयासों के लिए किया जाता है, जिसमे मुद्रित सामग्री, वेबसाइट्स, मीडिया अभियान आदि शामिल होते हैं। इससे सम्बंधित क्षेत्रों में बाह्य शिक्षा और अनुभवात्मक शिक्षा शामिल हैं।
पर्यावरण शिक्षा अधिगम की एक प्रक्रिया है जो पर्यावरण व इससे जुड़ी चुनौतियों के सम्बन्ध में लोगों की जानकारी और जागरूकता को बढ़ाती हैं, चुनौतियों का सामना करने के लिए आवश्यक कुशलताओं व प्रवीणता को विकसित करती हैं और सुविज्ञ निर्णय तथा ज़िम्मेदारी पूर्ण कदम बढ़ाने के लिए इस ओर प्रवृत्ति, प्रेरणा व प्रतिबद्धता का प्रोत्साहन करती हैं (UNESCO, टाबिलिसी घोषणा, 1978).
पर्यारण शिक्षा (EE) निम्नांकित पर केंद्रित है:
पर्यावरण और पर्यावरणीय चुनौतियों के बारे में जागरूकता और संवेदनशीलता पर्यावरण और पर्यावरणीय चुनौतियों के बारे में समझ और जानकारी पर्यावरण के सम्बन्ध में चिंता की प्रवृत्ति और पर्यावरण की गुणवत्ता बनाये रखने में सहायता पर्यावरणीय समस्याओं को दूर करने की कुशलता मौजूदा ज्ञान और पर्यावरण से संबंधित कार्यक्रमों के अभ्यास में भागीदारी.

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