🅰 UN PALESTINE REFUGEE AGENCY
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संदर्भ
भारत ने इस वर्ष संयुक्त राष्ट्र फिलिस्तीन शरणार्थी एजेंसी को पाँच मिलियन डॉलर का योगदान दिया है. यह धनराशि संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी कार्य एजेंसी (UNRWA) के मुख्य कार्यक्रमों और सेवाओं, जैसे – शिक्षा, स्वास्थ्य की देखभाल, राहत और सामाजिक सेवा में सहायता के लिए दी गई है.
संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी कार्य एजेंसी (UNRWA) क्या है?
यह एक राहत एवं मानव विकास एजेंसी है जो 8 दिसम्बर, 1949 को गठित की गई थी.
UNRWA 1950 से जॉर्डन, लेबनान, सीरिया, पश्चिमी तट और गाजा पट्टी में शरणार्थी फिलिस्तीनियों को मानवता के आधार पर स्वास्थ्य, शिक्षा, राहत और सामाजिक सेवाओं के लिए सहायता देता रहा है.
फिलिस्तीनी शरणार्थियों की समस्या 1948 में हुए अरब-इजरायल युद्ध के परिणामस्वरूप उत्पन्न हुई क्योंकि युद्ध के कारण बहुत सारे फिलिस्तीनी अपने निवास-क्षेत्र से विस्थापित हो गये थे. इसलिए संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा UNRWA का गठन किया गया था.
इस एजेंसी से 4 मिलियन फिलिस्तीनी शरणार्थियों का कल्याण किया जाता है. विदित हो कि विश्व में जितने शरणार्थी हैं उन्मने से 20% फिलिस्तीनी के ही शरणार्थी हैं.
UNRWA को फण्ड कहाँ से मिलता है?
UNRWA को मिलने वाला फण्ड लगभग समूचा का समूचा संयुक्त राष्ट्र सदस्य देशों के स्वैच्छिक योगदान से आता है.
साथ ही संयुक्त राष्ट्र के नियमित बजट में भी इस एजेंसी के लिए कुछ राशि का प्रावधान रहता है जो मुख्य रूप से अंतर्राष्ट्रीय कर्मचारियों पर होने वाली लागत पर खर्च होता है.
UNRWA के समक्ष चुनौतियाँ
वर्तमान में इस संयुक्त राष्ट्र एजेंसी में कड़की चल रही है क्योंकि अब इसे स्वैच्छिक योगदान बहुत कम देशों से मिल रहे हैं.
इस वर्ष इस एजेंसी को 2 बिलियन डॉलर की आवश्कयता है. परन्तु अनुमान है कि इसको मिलने वाली धनराशि आवश्यकता से 200 मिलियन डॉलर कम रहेगी.
धन के अभाव के कारण यह एजेंसी अपनी आवश्यक कार्यक्रमों को ठीक से नहीं चला पाएगी.
पिछले कुछ दिनों से यह एजेंसी कुछ दुर्गुणों से ग्रस्त दिख रही है, जैसे – यौन कदाचार, भाई-भतीजावाद, गलतियाँ बताने वालों से बदला लेना और अधिक से अधिक बिज़नस क्लास में यात्रा करना...
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