Sunday, February 2, 2020

LIC में सरकार बेचेगी अपनी हिस्सेदारी, जानें इसके पीछे की मुख्य वजह. By Rudra Tripathi

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 01 फरवरी 2020 को वित्त वर्ष 2020-21 के लिए अपना दूसरा आम बजट पेश किया. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बही खाते में किसानों से लेकर मिडिल क्लास (मध्यम वर्ग) को कुछ न कुछ मिला है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सरकारी क्षेत्र की बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) की बड़ी हिस्सेदारी बेचने का घोषणा कर दिया है. इसके अतिरिक्त वित्त मंत्री ने आईडीबीआई (IDBI) बैंक में भी अपनी हिस्सेदारी बेचने की बात कही.

वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) का आईपीओ लेकर आएगी और इसके जरिए एलआईसी में अपनी हिस्सेदारी बेचेगी.

एलआईसी के आईपीओ बेचेगी सरकार 
सराकर आईडीबीआई बैंक की हिस्सेदारी निजी कंपनियों को बेचेगी, लेकिन नियंत्रण सरकार के पास ही रहेगा. वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार एलाआईसी में अपनी हिस्सेदारी का एक हिस्सा प्रारंभिक सार्वजनिक पेशकश (आईपीओ) के जरिए बेचने का प्रस्ताव करती है.

निष्पादित संपत्त‍ि (NPA) बढ़ोतरी

वित्त वर्ष 2019-20 के शुरुआती छह महीनों (अप्रैल-सितंबर) में एलआईसी की गैर निष्पादित संपत्त‍ि (NPA) में 6.10 प्रतिशत की बढ़त हुई है. यह एनपीए निजी क्षेत्र के यस बैंक, आईसीआईसीआई, एक्सिस बैंक के आसपास ही है.
एलआईसी पर एनपीए का बोझ ज्यादा

सरकार की स्वामित्व वाली बीमा कंपनी एलआईसी भी बुरे दौर से गुजर रही है. एलआईसी पर नॉन परफॉर्मिंग ऐसेट (एनपीए) का बोझ ज्यादा है. हाल ही में एलआईसी ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि 30 सितंबर 2019 तक कुल 30,000 करोड़ रुपये का सकल एनपीए है.
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घोषणा किया कि अब बैंकों में जमा आम लोगों की पांच लाख तक की राशि पूरी तरह से सुरक्षित होगी. यदि अब कोई बैंक डूबता है या कंगाल होता है तो बैंक खाते में जमा पांच लाख रुपए तक की राशि पूरी तरह से सुरक्षित रहेगी.
भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) भारत की सबसे बड़ी जीवन बीमा कंपनी है. यह देश की सबसे बड़ी निवेशक कंपनी भी है. इसकी स्थापना साल 1956 में हुई थी. इसका मुख्यालय मुंबई में है. भारतीय जीवन बीमा निगम के 08 आंचलिक कार्यालय और 101 संभागीय कार्यालय भारत के विभिन्न भागों में स्थित हैं. इसके लगभग 2048 कार्यालय देश के कई शहरों में स्थित हैं और इसके 10 लाख से ज्यादा एजेंट भारत भर में फैले हैं.

एलआईसी पर देश की एक बड़ी आबादी जमकर भरोसा करती रही है. देश के करोड़ों लोगों ने आंख बंद कर अपनी कमाई का बड़ा हिस्सा एलआईसी की योजनाओं में लगा रखा है. लेकिन हाल की स्थितियों को देखा जाए तो एलआईसी के पास मौजूद नकदी के बड़े भंडार पर जोखिम बढ़ रहा है

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