Thursday, September 3, 2020

🎯 Target With Rudra 🎯 🚀 रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह 10 सितंबर को करेंगे राफेल को भारतीय वायुसेना में शामिल 🚀

🚀 रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह 10 सितंबर को करेंगे राफेल को भारतीय वायुसेना में शामिल 🚀
केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह राफेल लड़ाकू विमानों को औपचारिक रूप से 10 सितंबर 2020 को भारतीय वायु सेना (आईएएफ) में हरियाणा के अंबाला हवाई अड्डे पर एक समारोह में शामिल करेंगे. इसके लिए फ्रांस के रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पैली को भी आमंत्रित किया जाएगा.

यह समारोह रूस से रक्षा मंत्री की वापसी के बाद आयोजित किया जाएगा. केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह रूस में 4 से 6 सितंबर तक शंघाई सहयोग संगठन के सदस्य देशों के रक्षा मंत्रियों की बैठक में शामिल होने वाले हैं. राफेल विमान को वायुसेना में औपचारिक रूप से शामिल करने वाला समारोह 10 सितंबर 2020 को आयोजित किया जाएगा.

🔶फ्रांस के रक्षा मंत्री को न्योता

भारत और फ्रांस के बीच रणनीतिक दोस्ती को चिह्नित करने के लिए फ्रांस के रक्षा मंत्री को इस कार्यक्रम में भाग लेने हेतु निमंत्रण भी भेजा जा रहा है.

🔶राफेल लड़ाकू विमान: एक नजर में🔻

पांच राफेल लड़ाकू विमान 29 जुलाई 2020 को फ्रांस से भारत पहुंचे और देश में 24 घंटों के भीतर व्यापक प्रशिक्षण शुरू कर दिया. ये फ्रांसीसी लड़ाकू विमान वायु सेना के 17 गोल्डन एरो स्क्वाड्रन का हिस्सा हैं. लड़ाकू विमान पहले ही लद्दाख क्षेत्र में उड़ान भर चुके हैं.

वे उस इलाके से परिचित हैं, जिस पर उन्हें देश के विभिन्न हिस्सों में उड़ान भरनी है. देश में जो पांच राफेल पहुंचे हैं उनमें तीन एक सीट वाले हैं और दो में दो सीट लगे हैं. राफेल में हवा से हवा में, हवा से जमीन पर मार करने की क्षमता है.

राफेल में लगे हैमर मिसाइल भारतीय वायु सेना को अपने पारंपरिक विरोधी चीन और पाकिस्तान पर दक्षिण एशियाई आसमान में लंबी दूरी से मारने की क्षमता के कारण बढ़त मिलने की उम्मीद है.

आपको बता दें कि भारत लगभग 60,000 करोड़ रुपये की लागत से फ्रांस से 36 राफेल खरीदने का अनुबंध किया है. इसमें से अधिकांश भुगतान पहले से ही फ्रांसीसी फर्म डसॉल्ट एविएशन को किए गए हैं.

🔶 पृष्ठभूमि 🔻

साल 2016 में रक्षा मंत्री रहते हुए मनोहर पर्रिकर ने इस करार पर साइन किया है. साल 2018-2019 में तत्कालीन रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने विपक्ष के द्वारा इस सौदे में भ्रष्टाचार के आरोपों का जवाब देने में अहम भूमिका निभाई थी. जब राजनाथ सिंह रक्षा मंत्री बने, तो वे दशहरा के अवसर पर अक्टूबर 2019 में भारत के लिए पहला राफेल लेने फ्रांस गए. उन्होंने इस दौरान पारंपरिक अनुष्ठान के साथ पूजा की और बाद में विमान में उड़ान भी भरी.

आपको बता दें कि भारत को अगले 10-12 वर्षों में विभिन्न प्रकार के 300 से अधिक लड़ाकू विमानों की आवश्यकता है, जो भारतीय और विदेशी दोनों स्रोतों से मिलने की योजना है.

🔶भारत-फ्रांस संबंध 🔻

भारत और फ्रांस के सम्बन्ध काफी समय से मजबूत रहे हैं. भारत की आजादी के बाद से ही फ्रांस भारत के लिए यूरोपीय देशों में सबसे महत्वपूर्ण रहा है. भारत-फ्रांस हमेशा से ही आपस में नज़दीकी और दोस्ताना संबंध साझा करते रहे हैं. भारत और फ्रांस ने विशेष रूप से हिन्द-प्रशांत क्षेत्र में नेविगेशन की स्वतंत्रता को बनाए रखने के लिये एक साझा प्रतिबद्धता व्यक्त की. भारत और फ्रांस ने द्विपक्षीय व्यापार और निवेश को बढ़ावा देने तथा आर्थिक संचालकों के लाभ के लिये बाजार पहुँच जैसे मुद्दों के समाधान को गति देने हेतु एक उपयुक्त रूपरेखा तय की.

रक्षा के क्षेत्र में भारत और फ्रांस के संबंध बहुत घनिष्ठ हैं. भारत, फ्रांस को सबसे विश्वस्त रक्षा साझेदारों में एक मानता है. रक्षा उपकरणों और उत्पादन में दोनों देशों के संबंध मजबूत हैं. रक्षा क्षेत्र में फ्रांस भारत की मेक इन इंडिया के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जताता रहा है. भारत और फ्रांस के संबंध सर्वकालिक एवं सदाबहार रहे हैं, दोनों देशों के बीच संबंध के क्षेत्र में पर्याप्त विविधता और गहराई है.


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