द इकोनॉमिस्ट इंटेलिजेंस यूनिट (EIU) ने हाल ही में वर्ष 2019 के लिए एक वैश्विक लोकतंत्र सूचकांक जारी किया है. ईआईयू द्वारा 2019 के लिए लोकतंत्र सूचकांक की वैश्विक सूची में भारत 10 स्थान फिसल कर 51वें स्थान पर आ गया है. यह सूचकांक 167 देशों में लोकतंत्र की मौजूदा स्थिति का एक खाका पेश करती है.
रिपोर्ट के अनुसार, नागरिक स्वतंत्रता के कमी की वजह से भारत के डेमोक्रेसी स्कोर में गिरावट आई है. साल 2018 में भारत के अंक 7.23 थे, जो घटकर 6.90 रह गए हैं. वैश्विक लोकतंत्र सूचकांक सरकार का कामकाज, चुनाव प्रक्रिया व बहुलतावाद, राजनीतिक भागीदारी, राजनीतिक संस्कृति तथा नागरिक स्वतंत्रता पर आधारित है.
रिपोर्ट से संबंधित मुख्य तथ्य
• यह वैश्विक सूची 165 स्वतंत्र देशों तथा 02 क्षेत्रों में लोकतंत्र की मौजूदा स्थिति का एक खाका पेश करती है.
• रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान कुल 4.25 अंकों के साथ सूची में 108वें स्थान पर है. इसी तरह श्रीलंका 6.27 अंकों के साथ 69वें तथा बांग्लादेश 5.88 अंकों के साथ 80वें स्थान पर है.
• चीन 2019 में गिरकर 2.26 अंकों के साथ अब 153वें स्थान पर है. यह वैश्विक रैंकिंग में निचले पायदान के करीब है.
• उभरती हुई दूसरी अर्थव्यवस्थाओं में ब्राजील 6.86 अंक के साथ 52वें स्थान पर है और रूस 3.11 अंक के साथ सूची में 134वें स्थान पर है.
• इस सूची में नॉर्वे शीर्ष पर है जबकि उत्तर कोरिया 167वें स्थान के साथ सबसे नीचे है.
सूची के अनुसार, वर्ष 2018 में भारत का कुल स्कोर 7.23 था, जो अब घटकर 6.90 हो गया है. रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में नागरिकों की आजादी की स्थिति एक साल में कम हुई है. लोकतांत्रिक सूची में यह गिरावट देश में नागरिक स्वतंत्रता के कमी के कारण आई है.
द इकोनॉमिस्ट ने साल 2006 में डेमोक्रेसी इंडेक्स जारी करना शुरू किया था. भारत का तब से अब तक 13 साल में यह सबसे कम डेमोक्रेसी स्कोर है. भारत का साल 2014 में यह सबसे ज्यादा 7.92 था.
देश
2
आइसलैंड
3
स्वीडन
5
6
7
डेनमार्क
9
10
स्विट्जरलैंड
ईआईयू का सूचकांक पाँच श्रेणियों पर आधारित है इनमें चुनावी प्रक्रिया और बहुलतावाद, सरकार के कामकाज, राजनीतिक भागीदारी, राजनीतिक संस्कृति और नागरिक स्वतंत्रता शामिल हैं. किसी भी देश का शासन इन पाँच श्रेणियों के कुल अंकों के आधार पर चार श्रेणियों में विभाजित होता है.
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