अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) ने हाल ही में वर्ल्ड इंप्लॉयमेंट एंड सोशल आउटलुक: ट्रेंड्स 2020' जारी किया है. संयुक्त राष्ट्र की अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन की रिपोर्ट के मुताबिक, वैश्विक बेरोजगारी 2020 में करीब 2.5 मिलियन बढ़ने का अनुमान है. रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनिया में लगभग 188 मिलियन लोग बेरोजगार हैं.
रिपोर्ट के अनुसार, विश्वभर में लगभग आधा अरब लोगों के पास अपेक्षित वैतनिक काम नहीं हैं, अर्थात उन्हें पर्याप्त रूप से वैतनिक काम नहीं मिल पा रहे हैं. इस रिपोर्ट में कहा गया है कि वैश्विक बेरोजगारी पिछले नौ वर्षों से स्थिर थी लेकिन जैसे-जैसे वैश्विक आर्थिक विकास धीमा हो रहा है और श्रमिकों की संख्या बढ़ रही है, उस अनुपात में बाजार में नई नौकरियां पैदा नहीं हो रही हैं.
• रिपोर्ट के अनुसार, दुनियाभर में लगभग 120 मिलियन लोगों ने नौकरी की तलाश छोड़ दी है.
• इसके अतिरिक्त करीब 165 मिलियन लोगों के पास पर्याप्त आय वाला रोज़गार नहीं है. इस प्रकार विश्व में करीब 470 मिलियन लोग रोज़गार की समस्या से परेशान हैं.
• रिपोर्ट के मुताबिक, बढ़ती बेरोजगारी और असमानता के जारी रहने के साथ सही काम की कमी के कारण लोगों को अपने काम के माध्यम से बेहतर जीवन जीना और भी मुश्किल हो गया है.
• रिपोर्ट में कहा गया है कि शहरों में शिक्षित युवओं में बेरोजगारी की दर उच्च्तम स्तर पर है. वहीं, 20 से 24 साल के युवाओं में बेरोजगारी की दर 37 प्रतिशत है.
• रिपोर्ट से स्पष्ट है कि विकसित देश धीमी वृद्धि का सामना कर रहे हैं. परिणामतः बढ़ती श्रम शक्ति को उपयोग में लाने हेतु पर्याप्त मात्रा में नई नौकरियाँ सृजित नहीं हो पा रही हैं.
गरीबी क्या है?
अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) की रिपोर्ट के अनुसार, प्रतिदिन 3.20 अमेरिकी डॉलर से कम आय वाले लोगों को गरीबी से पीड़ित लोगों के रूप में माना जाता है. वर्तमान में कार्यशील गरीबी वैश्विक स्तर पर कार्यशील आबादी में 630 मिलियन से अधिक या पाँच में से एक व्यक्ति को प्रभावित करती है.
बढ़ती बेरोजगारी के मुख्य कारण
वैश्विक आर्थिक मंदी दुनिया में बढ़ती बेरोजगारी का एक प्रमुख कारण है. यह वैश्विक रोजगार सृजन को प्रभावित कर रहा है. बढ़ती बेरोज़गारी से वैश्विक स्तर पर लोगों की आय क्षमता पर प्रभाव पड़ेगा जिससे आय असमानता में वृद्धि होगी. कार्यस्थल की खराब गुणवत्ता और कर्मचारियों के साथ खराब व्यवहार वैश्विक मंदी और खराब अर्थव्यवस्था के लिए अग्रणी है. व्यापार प्रतिबंधों और संरक्षणवाद में वृद्धि रोज़गार पर अहम प्रभाव डाल सकते हैं जिसके कारण इसे संभावित चिंता के रूप में देखा जा रहा है.
अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) के बारे में
अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन, अंतरराष्ट्रीय आधारों पर मजदूरों तथा श्रमिकों के हितों की रक्षा हेतु नियम बनाता है. यह संयुक्त राष्ट्र की विशिष्ट संस्था है. इस संगठन का मुख्यालय स्विट्ज़रलैंड के जिनेवा में स्थित है. वर्तमान में 187 देश इस संगठन के सदस्य हैं. इस संगठन को साल 1969 में विश्व शांति हेतु नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.
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